Write experiment in Notebook in this way

लवण विश्लेषण द्वारा यह ज्ञात किया जाता है कि दिए गए लवण के नमूने में कौन सा धनायन (Cation) तथा कौन सा ऋणायन (Anion) उपस्थित है | लवण की थोड़ी सी मात्रा को परखनली में लेकर विभिन्न अभिकर्मक मिलाकर परीक्षण किया जाता है तो उसमे उत्पन्न गैस का रंग , गंध , तीक्ष्णता या विलयन का रंग , अवक्षेप (precipitate), अवक्षेप की घुलनशीलता आदि प्रेक्षणों से कुछ निष्कर्ष निकलता है जिससे लवण में उपस्थित अम्लीय मूलक (Anion) अथवा क्षारीय मूलक(Cation) का पता चल जाता है I लवण विश्लेषण को गुणात्मक विश्लेषण (Qualitative Analysis) भी कहते है I

प्रयोग संख्या – 01

उद्देश्य :- दिए गए लवण (मिश्रण) में एक अम्लीय मूलक तथा एक क्षारीय मूलक की पहचान कीजिये I

आवश्यक उपकरण :-टेस्ट ट्यूब,फ़िल्टर पेपर ,बर्नर, स्प्रिट लैम्प , टेस्ट ट्यूब होल्डर ,अभिकर्मक इत्यादि I

प्रेक्षण तालिका :- अम्लीय मूलक की पहचान करना –

क्र0सं0  प्रयोग प्रेक्षणनिष्कर्ष
1मिश्रण +तनु H2SO(ठन्डे में)
थोड़ा सा गर्म करने पर
कोई क्रिया नहींप्रथम समूह अनुपस्थित
2(i) मिश्रण + सांद्र H2SO4 थोड़ा सा गर्म करने परतीक्ष्ण गंधयुक्त गैसद्वितीय समूह संभव
 (ii) परखनली के मुख पर NH4OH से भीगी छड़ लाने परसफ़ेद धुआं निकलता हैCl निश्चित
 (iii)मिश्रण + तनु HNO3 +AgNO3सफ़ेद अवक्षेप , NH4OH में विलेयCl निश्चित

रासायनिक अभिक्रियाएं :-

2NaCl + H2SO4 = Na2SO+2HCl

NH4OH + HCl = NH4Cl + H2O

NaCl + AgNO3 = AgCl  + NaNO3

प्रेक्षण तालिका :- क्षारीय  मूलक की पहचान करना –

क्र0सं0प्रयोग प्रेक्षणनिष्कर्ष
1    मिश्रण + NaOH
थोड़ा सा गर्म करने पर  
अमोनिया  की गंध
आती है  
NH4+
संभव  
2परखनली के मुख पर
NH4OH से भीगी छड़
लाने पर
सफ़ेद धुआं
निकलता है
NH4+
निश्चित

रासायनिक अभिक्रियाएं :-

NH4Cl + NaOH   =   NaCl + H2O + NH3

NH3 + HCl         =    NH4Cl

परिणाम :- दिए गए लवण में उपस्थित  एक  अम्लीय मूलक तथा  एक  क्षारीय मूलक निम्न हैं –

          (i) अम्लीय मूलक Cl ( क्लोराइड आयन )

          (ii) क्षारीय मूलक NH4+ ( अमोनियम आयन )

TITRATION EXPERIMENT

जिस विलयन की सांद्रता ज्ञात होती है उसे मानक विलयन कहतें हैं | जिसकी सांद्रता ज्ञात करनी होती है उसे मानक विलयन के निश्चित आयतन में धीरे धीरे करके मिलाते हैं |जैसे अभिक्रिया पूर्ण होती है रंग परिवर्तित हो जाता है (अंतिम बिंदु)|अज्ञात विलयन का प्रयुक्त आयतन पता चल जाता है | तुल्यांको के नियम का प्रयोग करके (n1×M1×V1= n2×M2×V2 )अज्ञात विलयन की मोलरता निकाल लेते हैं |इस प्रक्रिया को अनुमापन या टाइट्रेशन (Titration)कहतें हैं |

 प्रयोग संख्या -02

उद्देश्य :-आक्सैलिक अम्ल का M/20 सांद्रता का 250mL मानक विलयन बनाकर अनुमापन (Titration) द्वारा दिए गए KMnO4 विलयन की मोलरता ज्ञात कीजिए |

आवश्यक उपकरण एवं सामग्री :-ब्यूरेट, पिपेट, कोनिकल फ्लास्क, मापक फ्लास्क, ऑक्सेलिक अम्ल, रासायनिक तुला, KMnO4विलयन, बर्नर ,आसुत जल आदि |

सिद्धांत :- ऑक्सेलिक (H2C2O4.2H2O)अम्ल का M/20 सांद्रता का 250 mL मानक विलयन बनाने के लिए आवश्यक अम्ल की मात्रा(w)-

      w =अणुभार×मोलरता×आयतन/1000

      w =126×(1/20)×250/1000

      w =1.575 ग्राम

रासायनिक तुला पर 1.575 ग्राम आक्सैलिक अम्ल तोल कर एक कोनिकल फ्लास्क में 250mL आसुत जल में घोलें तथा जल अपघटन रोकने के लिए थोड़ा सान्द्र H2SO4 मिलाये | इस M/20 आक्सैलिक अम्ल के सांद्रता वाले विलयन का अनुमापन KMnO4 विलयन से करने पर निम्न अभिक्रिया होती है-

MnO4–  +  8H+ +5e–    —> Mn++  4H2O ]×2

C2O4– –  —>  2CO2  +  2e  ]×5

अथवा सपूर्ण अभिक्रिया:-

 2 MnO4–  +16 H + 5 C2O4– –  —->2Mn++  + 8H2O + 10CO2

सूचक :- KMnO4 एक स्वयं सूचक(self indicator)है|

अन्तिम बिन्दु :- रंगहीन से स्थायी गुलाबी

विधि :- (1)आक्सैलिक अम्ल (ठोस) की 1.575 ग्राम मात्रा को रासायनिक तुला पर  तोलिये |

               (2) तोली गयी मात्रा को कीप द्वारा बीकर में डालिए| इसमें धीरे-धीरे जल मिलाइये तथा थोड़ा सांद्र H2SO4 डालिए |

             (3) दिए गए KMnO4 विलयन को ब्यूरेट में भरिए तथा ब्यूरेट में भरे इस    विलयन के तल का पाठ्यांक नोट कीजिये |

             (4) M/30 सांद्रता के बनाये गए आक्सैलिक अम्ल के विलयन को पिपेट की सहायता से कोनिकल फ्लास्क में डालिये |

            (5) इस विलयन में एक परखनली भरकर तनु H2SO4 मिलाइये ,तथा इसे लगभग 60-700C तक गर्म कीजिये |

            (6) अब ब्यूरेट से KMnO4 विलयन को बूँद-बूँद करके कोनिकल फ्लास्क में  आक्सैलिक अम्ल में तब तक मिलाइये जब तब विलयन स्थायी रूप से हल्का गुलाबी न हो जाए | इस दौरान फ्लास्क को हिलाते रहिये |

          (7)  इस प्रयोग की 3-4 बार पुनरावृत्ति कीजिये तथा कम से कम तीन समान पाठयांक लीजिये |


प्रेक्षण :- (1) तोलन नली का लगभग भार =7.8 gram

   (2) तोलन नली+आक्सैलिक अम्ल का भार= 8.850 gram

    (3) खाली तोलन नली का सही भार =7.8842 gram

     (4) आक्सैलिक अम्ल का भार =1.575 gram

     (5)  पिपेट की धारिता = 25mL

Observation Table

क्र0 सं0आक्सैलिक
अम्ल
ब्यूरेट का
पाठयांक
(Initial)
ब्यूरेट का
पाठयांक
(Final)
प्रयुक्त
KMnO4
125 mL0.00 mL5.8 mL5.8 mL
225 mL0.00 mL5.6 mL5.6 mL
325 mL0.00 mL5.6 mL5.6 mL

प्रयुक्त KMnO4 = 5.6 mL (समान पाठयांक)

गणनाएं :-N1×V1 (KMn04) =N2×V2 (आक्सैलिक अम्ल)

               n1×M1×V1(KMn04)= n2×M2×V2(आक्सैलिक अम्ल)

                          5×M1×5.6   =  2×(1/20) ×25

                                           M1 = 0.0892 mol/L

परिणाम :-दिए गए विलयन की मोलरता =  0.0892 mol/L

सावधानियां :-

(1) अनुमापन करते समय ब्यूरेट के ऊपर से फनल (कीप) हटा देना चाहिए |

(2) कोनिकल फ्लास्क को आक्सैलिक अमल विलयन से खंगालना चाहिए |   

(3) ब्यूरेट के जेट में वायु के बुलबुले नहीं रहने चाहिए |

(4) पिपेट की नोक में बचा द्रव फूँक  मार कर नहीं निकालना चाहिए क्योंकि वह  निर्धारित आयतन से अतिरिक्त होता है|