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प्रयोग संख्या -01
उद्देश्य :-आक्सैलिक अम्ल का M/30 सांद्रता का 250mL मानक विलयन बनाकर अनुमापन (Titration) द्वारा दिए गए KMnO4 विलयन की मोलरता ज्ञात कीजिए |
आवश्यक उपकरण एवं सामग्री :-ब्यूरेट, पिपेट, कोनिकल फ्लास्क, मापक फ्लास्क, ऑक्सेलिक अम्ल, रासायनिक तुला, KMnO4विलयन, बर्नर ,आसुत जल आदि |
सिद्धांत :- ऑक्सेलिक (H2C2O4.2H2O)अम्ल का M/30 सांद्रता का 250 mL मानक विलयन बनाने के लिए आवश्यक अम्ल की मात्रा(w)-
w =अणुभार×मोलरता×आयतन/1000
w =126×(1/30)×250/1000
w =1.050 ग्राम
रासायनिक तुला पर 1.050 ग्राम आक्सैलिक अम्ल तोल कर एक कोनिकल फ्लास्क में 250mL आसुत जल में घोलें तथा जल अपघटन रोकने के लिए थोड़ा सान्द्र H2SO4 मिलाये | इस M/30 आक्सैलिक अम्ल के सांद्रता वाले विलयन का अनुमापन KMnO4 विलयन से करने पर निम्न अभिक्रिया होती है-
MnO4– + 8H+ +5e– —> Mn++ 4H2O ]×2
C2O4– – —> 2CO2 + 2e– ]×5
अथवा सपूर्ण अभिक्रिया:-
2 MnO4– +16 H+ + 5 C2O4– – —->2Mn++ + 8H2O + 10CO2
सूचक :- KMnO4 एक स्वयं सूचक (self indicator) है |
अन्तिम बिन्दु :- रंगहीन से स्थायी गुलाबी
विधि :- (1)आक्सैलिक अम्ल (ठोस) की 1.050 ग्राम मात्रा को रासायनिक तुला पर तोलिये |
(2) तोली गयी मात्रा को कांच की कीप द्वारा कोनिकल फ्लास्क में डालिए| इसमें धीरे-धीरे जल मिलाइये तथा थोड़ा सांद्र H2SO4 डालिए |
(3) दिए गए KMnO4 विलयन को ब्यूरेट में भरिए तथा ब्यूरेट में भरे इस विलयन के तल का पाठ्यांक नोट कीजिये |
(4) M/30 सांद्रता के बनाये गए आक्सैलिक अम्ल के विलयन को पिपेट की सहायता से कोनिकल फ्लास्क में डालिये |
(5) इस विलयन में एक परखनली भरकर तनु H2SO4 मिलाइये ,तथा इसे लगभग 60-700C तक गर्म कीजिये |
(6) अब ब्यूरेट से KMnO4 विलयन को बूँद-बूँद करके कोनिकल फ्लास्क में आक्सैलिक अम्ल में तब तक मिलाइये जब तब विलयन स्थायी रूप से हल्का गुलाबी न हो जाए | इस दौरान फ्लास्क को हिलाते रहिये |
(7) इस प्रयोग की 3-4 बार पुनरावृत्ति कीजिये तथा कम से कम तीन समान पाठयांक लीजिये |
प्रेक्षण :- (1) तोलन नली का लगभग भार =7.8 gram
(2) तोलन नली+आक्सैलिक अम्ल का भार= 8.850 gram
(3) खाली तोलन नली का सही भार =7.8842 gram
(4) आक्सैलिक अम्ल का भार =1.050 gram
(5) पिपेट की धारिता = 25mL
क्रम संख्या | आक्सैलिक अम्ल(Volume) | ब्यूरेट का पाठयांक(Initial) | ब्यूरेट का पाठयांक(Final) | प्रयुक्त KMnO4 |
1 | 25 mL | 0.00 mL | 6.6 mL | 6.6 mL |
2 | 25 mL | 0.00 mL | 6.7 mL | 6.7 mL |
3 | 25 mL | 0.00 mL | 6.7 mL | 6.7 mL |
(observation table)
प्रयुक्त KMnO4 =6.7 mL (समान पाठयांक)
गणनाएं :-N1×V1 (KMn04) =N2×V2 (आक्सैलिक अम्ल)
n1×M1×V1(KMn04)= n2×M2×V2(आक्सैलिक अम्ल)
5×M1×6.7 = 2×(1/30) ×25
M1 = 0.05 mol/L
परिणाम :-दिए गए विलयन की मोलरता = 0.05 M
सावधानियां :-
(1) अनुमापन करते समय ब्यूरेट के ऊपर से फनल (कीप) हटा देना चाहिए |
(2) कोनिकल फ्लास्क को आक्सैलिक अमल विलयन से खंगालना चाहिए |
(3) ब्यूरेट के जेट में वायु के बुलबुले नहीं रहने चाहिए |
(4) पिपेट की नोक में बचा द्रव फूँक मार कर नहीं निकालना चाहिए क्योंकि वह निर्धारित आयतन से अतिरिक्त होता है|