Deacon process : know easily : डीकन विधि method for exams

डीकन विधि से क्लोरीन गैस का निर्माण क्लोरीन बनाने की एक औद्योगिक विधि है , क्लोरीन का उपयोग कागज तथा कपड़ो के कारखाने में , DDT तथा गेमेक्सीन बनाने में तथा जीवाणुनाशी के रूप में किया जाता है |

विलयन की सान्द्रता व्यक्त करने की विधियां

मोलरता :- 1 लीटर विलयन में उपस्थित विलेय पदार्थ के मोलों की संख्या को विलयन की मोलरता कहते हैं |
मोलरता =विलेय के मोलों की संख्या /विलयन का आयतन (लीटर में)

H2SO4 सल्फ्यूरिक अम्ल Sulphuric Acid

सल्फ्यूरिक अम्ल को कसीस का तेल (oil of vitriol) भी कहते हैं क्योंकि सोलहवीं सदी में Valentine ने इसे हरे कसीस (FeSO4.7H2O)के आसवन से प्राप्त किया था |यह रंगहीन ,तेल जैसा गाढ़ा द्रव (98% सान्द्र H2SO4) होता है|इसे रसायनों का

अनुमापन द्वारा KMnO4 विलयन की मोलरता ज्ञात करना

जिस विलयन की सांद्रता ज्ञात होती है उसे मानक विलयन कहतें हैं | जिसकी सांद्रता ज्ञात करनी होती है उसे मानक विलयन के निश्चित आयतन में धीरे धीरे करके मिलाते हैं |जैसे अभिक्रिया पूर्ण होती है रंग परिवर्तित हो जाता है (अंतिम बिंदु)|अज्ञात विलयन का प्रयुक्त आयतन पता चल जाता है | तुल्यांको के नियम का प्रयोग करके (n1×M1×V1= n2×M2×V2 )अज्ञात विलयन की मोलरता निकाल लेते हैं |इस प्रक्रिया को अनुमापन या टाइट्रेशन (Titration)कहतें हैं |

What are Nanoparticles नैनो कण क्या होते हैं

ये अत्यंत सूक्ष्म कण होते हैं जिनका व्यास 1 से 100 नैनो मीटर के मध्य होता है| नैनो तकनीक द्वारा विशेष गुणों वाले नैनो कणों को बनाया जाता है जब किसी पदार्थ को