जिस विलयन की सांद्रता ज्ञात होती है उसे मानक विलयन कहतें हैं | जिसकी सांद्रता ज्ञात करनी होती है उसे मानक विलयन के निश्चित आयतन में धीरे धीरे करके मिलाते हैं |जैसे अभिक्रिया पूर्ण होती है रंग परिवर्तित हो जाता है (अंतिम बिंदु)|अज्ञात विलयन का प्रयुक्त आयतन पता चल जाता है | तुल्यांको के नियम का प्रयोग करके (n1×M1×V1= n2×M2×V2 )अज्ञात विलयन की मोलरता निकाल लेते हैं |इस प्रक्रिया को अनुमापन या टाइट्रेशन (Titration)कहतें हैं |